अधिकारः संतान नहीं रखती ख्याल तो अपनी विल वापस ले सकते हैं माता-पिता

अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता के बुजुर्ग हो जाने पर कई संतान उनका ख्याल रखना बंद कर देती हैं। कई मामलों में बुजुर्गों से संपत्ति लेने के बाद उनकी संतान उनको बेघर तक कर देती है। लेकिन भारत के बुजुर्ग यदि कानून का सहारा लें तो बच्चों को दी गई संपत्ति वापस ले सकते हैं। देश का संविधान उन्हें यह अधिकार देता है।
न्यायालय के निर्णय इस मामले में अहम
ऐसे ही कई मामलों में देश की विभिन्न कोर्ट ने बुजुर्गों के हित में फैसला भी सुनाया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाया था कि बेटे को मां-बाप का घर खाली करना होगा। इसमें मां ने बेटे को गिफ्ट में फ्लैट दिया था। उसके बाद बेटे के व्यवहार में प्रतिकूल परिवर्तन आ गया था। वहीं मद्रास हाईकोर्ट ने भी एक मामले में मां-बाप को यह अधिकार दिया था कि वह अपनी वसीयत वापस ले सकते हैं यदि उन्हें लगे कि उन्हें बिना आदर-सत्कार के रखा जा रहा है।
क्या है बुजुर्ग माता-पिता के लिए अधिकार
देश के संविधान ने बुजुर्ग माता-पिता को यह अधिकार दिया है कि यदि उनकी संतान उनकी देखभाल नहीं करती है तो वह लोग जो कि 60 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के हैं, सीनियर सिटीजन एक्ट का प्रयोग कर बच्चों के नाम की गई संपत्ति को वापस ले सकते हैं। मामले में पुलिस से भी शिकायत की जा सकती है।वहीं ऐसे मामलों के लिए हर राज्य में स्पेशल ट्रिब्यूनल होता है।
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