‘एक देश-एक चुनाव’ के संदर्भ ‘एक देश-एक वोटर लिस्ट’ को लागू करने की तैयारी में केंद्र सरकार

‘एक देश-एक चुनाव’ के संदर्भ में केंद्र सरकार ने ‘एक देश-एक वोटर लिस्ट’ को लागू करने की तैयारी की है। इसके लिए रामनाथ कोविंद कमेटी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा में है। जिसमे ‘एक देश-एक चुनाव’ पर सुझाव देने के साथ ही सिंगल वोटर लिस्ट लागू करने के तरीकों पर भी विचार किया है।
मतदाता सूची तैयार करने के तरीके में परिवर्तन
सरकार ने तीनों स्तरों (लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय) के चुनाव के लिए एक ही मतदाता सूची का नक्शा बनाया है और यह योजना राज्यों के सहमति को प्राप्त करने का हिस्सा होगी। इसके लिए मतदान आयोग की मतदाता सूची तैयार करने के तरीके में परिवर्तन करने की योजना है और इसके साथ ही राज्यों के चुनाव संबंधी कानून में भी परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
लॉ कमीशन और चुनाव आयोग ने पहले ही ‘एक देश-एक वोटर लिस्ट’ को सुझाया है और संसदीय समिति ने सरकार को इसे लागू करने की सिफारिश की है, लेकिन इसके लिए राज्यों और पार्टियों के साथ सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता है। मौजूदा स्थिति में संविधान के अनुच्छेद 325 के तहत एक मतदाता सूची लागू करना केंद्र सरकार के अधिकार के बाहर है, क्योंकि अभी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय के लिए अलग-अलग सूचियाँ होती हैं।
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