लीबिया में बाढ़ ने मचाई तबाही, 5300 से ज्यादा मौत,10000 लोग लापता

उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया इन दिनों अपने सबसे बूरे दौर से गुजर रहा, जंहा बीते शनिवार से शुरु हुई भारी तबाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही, इस तबाही ने अबतक 5300 से ज्यादा लोगों कि जान ले ली है, साथ ही इस मौत के मंजर में बहने वाले लोगों कि संख्या 10 हजार के पार जा पहुंची है। ऐसे में मृतकों की संख्या में अभी बढ़ोतरी हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ का कहर लीबिया के पूर्वी इलाके में देखने को मिला है, जिसमें डर्ना शहर पूरी तरह तबाह हो गया है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद अबू-लामोशा के मुताबिक, डर्ना में मरने वालों की संख्या 5300 से अधिक हो गई है.
लीबिया में आए तूफान और फिर अचानक आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. लीबिया के डर्ना शहर का लगभग एक चौथाई हिस्सा बाढ़ की वजह से पूरी तरह तबाह हो गया है. अधिकारियों के मुताबिक, तूफान के बाद डर्ना शहर के ऊपरी हिस्सों में बने बांध टूटने की वजह से ये विनाशकारी बाढ़ आई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि मौत का आंकड़ा 10,000 के पार जा सकता है. आपदा मामलों के मंत्री हिचेम चिकीओत ने कहा कि वो डर्ना की विनाशकारी बाढ़ को देखकर लौटे हैं. चारों तरफ शव बिखरे पड़े हैं. समुद्र में, घाटियों में, इमारतों के नीचे हर जगह शव पड़े हैं. उनके मुताबिक, शहर का लगभग 25 फीसदी हिस्सा गायब हो गया है. कई इमारतें ढह गई हैं और अस्पतालों में शव रखने की जगह कम पड़ रही है. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि लापता लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
तबाही को देखते हुए लीबिया के प्रधानमंत्री ओसामा हमाद ने 11 सितंबर को तीन दिन के शोक की घोषणा की है. साथ ही देश भर में झंडे को आधे झुकाने का आदेश दिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, 10 सितंबर की रात भूमध्य सागर से उठे तूफान ‘डेनियल’ के कारण भारी बारिश हुई. जिसके चलते अचानक आई बाढ़ ने पूर्वी लीबिया के कई शहरों में भारी तबाही मचाई. इसमें डर्ना शहर में सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. रिपोर्ट के अनुसार, आपदा आने के 36 घंटे बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है. मौजूदा हालत को देखते हुए देश के अन्य हिस्सों से राहत और बचाव कर्मियों को बुलाया गया है. बता दें कि 89,000 की आबादी वाले शहर की सड़कें बाढ़ के कारण बह गईं हैं, ऐसे में रेस्क्यू अभियान में दिक्क्तें आ रहीं हैं. वहीं डर्ना के डिप्टी मेयर अहमद मद्रौद ने अल जज़ीरा को बताया कि मंगलवार को सैनिकों, सरकारी कर्मचारियों, स्वयंसेवकों सहित अन्य स्थानीय आपातकालीन अधिकारियों ने मृतकों की तलाश के लिए मलबे में खुदाई की. उन्होंने पानी में मौजूद परिवारों के शव को निकालने के लिए नावों का भी इस्तेमाल कर रही है। वहीं शवों को सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है।
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