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Janmashtami 2023: ऐसे रखें जन्माष्टमी का व्रत, कृष्ण की पूजा में शामिल करें ये चीजें, नोट कर लें सामग्री लिस्ट

Krishna Janmashtami 2023

इस दिन मनाया जाता है श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. यदि आप भी कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व मनाने जा रहे हैं, तो पूजा में कुछ सामग्री को जरूर शामिल करना चाहिए. आइए यहां पर जानते है पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट…

Krishna Janmashtami 2023

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री जन्माष्टमी का पर्व

धूप बत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, यज्ञोपवीत 5, कुमकुम, अक्षत, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, खड़ा धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र की शीशी, सिंहासन जरुर रखें.

Krishna Janmashtami 2023

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री

इसके साथ ही बाजोट या झूला (चौकी, आसन), पंच पल्लव, पंचामृत, केले के पत्ते, औषधि, श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर, गणेशजी की तस्वीर, अम्बिका जी की तस्वीर, भगवान के वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने के लिए वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने के लिए वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, बन्दनवार, ताम्बूल, नारियल, चावल, गेहूं, गुलाब और लाल कमल के फूल, दूर्वा, अर्घ्य पात्र आदि शामिल है.

Krishna Janmashtami 2023

जन्माष्टमी व्रत और पूजन विधि

  • कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का पूजन होता है.

  • इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सभी देवताओं को नमस्कार करके व्रत का संकल्प लें.

  • फिर मध्यान्ह के समय काले तिलों को जल में छिड़क कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं.

  • अब इस सूतिका गृह में सुन्दर बिछौना बिछाकर उस पर शुभ कलश स्थापित करें.

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जन्माष्टमी व्रत और पूजन विधि

  • इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ माता देवकी जी की मूर्ति भी स्थापित करें.

  • देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी इन सबका नाम लेते हुए विधिवत पूजन करें.

  • यह व्रत रात में बारह बजे के बाद ही खोला जाता है.

  • इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता.

  • फलहार के रूप में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवे का सेवन कर सकते हैं.

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