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Mansoorpur’s Monty’s head removed, hands cut off from body | नाले में मिली थी डेडबॉडी, पैर के मुड़े नाखूनों से घरवालों ने पहचाना अपना बेटा

मेरठ15 मिनट पहले

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मृतक को पहचान करने के बाद शमशान घाट के बाहर खड़े मृतक मोंटी के घर के लोग - Dainik Bhaskar

मृतक को पहचान करने के बाद शमशान घाट के बाहर खड़े मृतक मोंटी के घर के लोग

मेरठ के दौराला के पबरसा में 2 दिन पहले नाले में मिली सिर, हाथ कटी लाश की पहचान हो गई है। लाश की पहचान मोंटी पुत्र सुरेंदर निवासी लोनी, मंसूरपुर के रूप में हुई है। बुधवार को मृतक युवक के घरवाले लाश की शिनाख्त करने मेरठ पहुंचे। तो उन्होंने बताया कि ये उनके बेटे की डेडबॉडी है। इसके बाद परिजनों ने बेटे की हत्या की आशंका जताते हुए लाश का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। काफी देर तक शमशान घाट पर परिजन हंगामा करते रहे। वहीं मृतक मोंटी के खिलाफ गांव के लोगों ने बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

घरवालों ने थाने में दी थी लापता की जानकारी

मेरठ दौराला के पास पबरसा के नाले मे ंमिली थी सिर, हाथ कटी लाश

मेरठ दौराला के पास पबरसा के नाले मे ंमिली थी सिर, हाथ कटी लाश

परिजनों ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा 28 तारीख से लापता है। एक लड़की के साथ बेटा गायब हुआ था। लड़की के परिजनों ने मोंटी पर लड़की भगाने का आरोप लगाया था। इधर बेटे के घर न लौटने पर परिजन लगातार परेशान थे। उन्होंने मंसूरपुर थाने में बेटे की गुमशुदगी की सूचना भी दी थी। लेकिन बेटा नहीं मिला। आज बुधवार को उन्हें बताया गया कि एक 25 साल के लड़के की लाश मेरठ मे ंनाले में मिली है। चलकर पहचान कर लो। परिजनों ने जब मेरठ आकर लाश को देखा तो पहचान लिया कि ये उनका बेटा मोंटी ही है।

गर्दन, हाथ में टैटू बने थे, पहचान छिपाने काट दिए

सूरजकुंड शमशान के बाहर पुलिस के साथ बहस करते मृतक के घरवाले

सूरजकुंड शमशान के बाहर पुलिस के साथ बहस करते मृतक के घरवाले

मृतक के घरवालों ने बताया कि मोंटी के गले पर टैटू बने थे। हाथों में भी उसने मां, श्री कृष्ण, पेड़ पौधों के टैटू बनवाए थे। कान में बाली भी पहनता था। टैटू और बाली से उसके शव की पहचान हो जाती। इसलिए हत्यारों ने उसे मारने के बाद लाश का सिर और हाथ दोनों काटकर फेंक दिए। ताकि पहचान न हो सके। परिजनों ने बिना सिर, हाथ की लाश को पैर के नाखूनों से पहचाना। मृतक की बहन ने बताया कि मोंटी के पैर मे ंएक्सीडेंट का पुराना निशान था। नाखून मुडे़ हुए थे। आज लाश के नाखून और पैर देखे इसी से मोंटी की पहचान हुई है।

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